3 सितंबर 2025 को बॉलीवुड मना रहा है अपनी सबसे बहुपरिवर्तनशील और बहुआयामी हस्तियों में से एक — विवेक ओबेरॉय का जन्मदिन, जो आज 49 वर्ष के हो गए हैं। दो दशक से अधिक लंबे करियर में विवेक ने सशक्त अभिनय, दमदार स्क्रीन उपस्थिति और सार्थक कहानियों के प्रति लगाव के साथ भारतीय सिनेमा में गहरी छाप छोड़ी है।
चाहे दर्शक हों, सिनेप्रेमी हों या उनके साथी कलाकार — सभी आज उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं भेज रहे हैं। यह सही मौका है उनके अब तक के सफर को याद करने का — एक उभरते सितारे से लेकर एक सम्मानित अभिनेता, समाजसेवी और सफल व्यवसायी बनने तक।
प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि
विवेक आनंद ओबेरॉय का जन्म 3 सितंबर 1976 को हैदराबाद में हुआ था। वह वरिष्ठ अभिनेता सुरेश ओबेरॉय के बेटे हैं, जिससे उन्हें बचपन से ही फिल्मी माहौल का अनुभव मिला। लेकिन विवेक ने कभी अपने पिता की शोहरत पर निर्भर नहीं किया। उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत से अलग पहचान बनाई।
उन्होंने अजमेर के मेयो कॉलेज से पढ़ाई की और फिर बिजनेस की पढ़ाई के लिए आगे बढ़े। लेकिन उनका असली जुनून अभिनय था। इसके लिए उन्होंने न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी से अभिनय का प्रशिक्षण लिया और फिर भारतीय सिनेमा में कदम रखा।
'कंपनी' के साथ धमाकेदार डेब्यू
विवेक ने 2002 में राम गोपाल वर्मा की क्राइम थ्रिलर फिल्म कंपनी से बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री की। उन्होंने फिल्म में चंद्रकांत 'चंदू' नागरे की भूमिका निभाई — एक ऐसा किरदार जो अंडरवर्ल्ड की सीढ़ियां चढ़ता है।
उनके इस दमदार अभिनय के लिए उन्हें तुरंत सराहना मिली और दो फिल्मफेयर अवॉर्ड — सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता — से नवाजा गया।
उनकी नैचुरल डायलॉग डिलीवरी, तीव्रता और गहराई ने उन्हें उनके समकालीन अभिनेताओं से अलग बना दिया। यह साफ हो गया कि विवेक केवल एक स्टारकिड नहीं, बल्कि गंभीर अभिनय प्रतिभा के धनी हैं।
रोमांटिक भूमिकाएं और व्यावसायिक सफलता
कंपनी के बाद विवेक ने साबित किया कि वह सिर्फ गंभीर भूमिकाओं तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने 'साथिया' (2002) में रानी मुखर्जी के साथ एक रोमांटिक हीरो का किरदार निभाया, जो दर्शकों को बेहद पसंद आया। यह फिल्म यशराज फिल्म्स द्वारा निर्मित थी और इसका संगीत ए. आर. रहमान ने दिया था।
इस फिल्म ने विवेक को युवा दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया। इसके बाद उन्होंने कई तरह की भूमिकाएं निभाईं:
चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं और वापसी
हालांकि विवेक को कुछ समय मीडिया विवादों और बॉक्स ऑफिस पर असफल फिल्मों की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने दमदार वापसी की।
'शूटआउट एट लोखंडवाला' (2007) में माया डोलस की भूमिका में उन्होंने असाधारण प्रदर्शन किया। उनकी लुक, बॉडी लैंग्वेज और संवाद अदायगी ने दर्शकों और समीक्षकों को प्रभावित किया।
इसके बाद 2019 में रिलीज़ 'पीएम नरेंद्र मोदी' बायोपिक में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका निभाई। फिल्म को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली, लेकिन विवेक की तैयारी और समर्पण की सराहना जरूर हुई।
पारिवारिक जीवन और समाजसेवा
विवेक ओबेरॉय न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि एक समर्पित पति और पिता भी हैं। उन्होंने 2010 में प्रियंका अल्वा से विवाह किया, जो कर्नाटक के पूर्व मंत्री जीवराज अल्वा की बेटी हैं। उनके दो बच्चे हैं और वह एक सादा, मीडिया से दूर पारिवारिक जीवन जीते हैं।
वे कई सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हुए हैं:
उन्होंने "यशोधरा ओबेरॉय फाउंडेशन" की स्थापना की, जो सामुदायिक विकास और आपदा राहत कार्यों में जुटी है।
व्यवसायिक दृष्टिकोण
हाल के वर्षों में विवेक ने व्यापार और स्टार्टअप की दुनिया में कदम रखा है। उन्होंने कई भारतीय स्टार्टअप और टेक कंपनियों में निवेश किया है।
वे "Karrm Infrastructure" के सह-संस्थापक भी हैं, जो महाराष्ट्र में गरीबों के लिए किफायती घर बनाती है।
प्रेरक वक्ता और यूथ आइकन
विवेक ओबेरॉय एक प्रेरणादायक वक्ता भी हैं। वे अक्सर कॉलेजों, बिजनेस स्कूलों और युथ समिट्स में बुलाए जाते हैं, जहां वे करियर, असफलता, आध्यात्मिकता और आत्मविश्वास जैसे विषयों पर बात करते हैं।
उन्होंने अपने करियर में उतार-चढ़ाव जरूर देखे, लेकिन हर बार उन्होंने खुद को नए रूप में साबित किया — यही उन्हें एक सच्चा प्रेरणा स्रोत बनाता है।
जन्मदिन 2025: 49 वर्ष का उत्सव
आज जब विवेक ओबेरॉय 49 साल के हो गए हैं, सोशल मीडिया पर #HappyBirthdayVivekOberoi और #VivekTurns49 जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। फैन्स उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं, उनके पुराने सीन, डायलॉग्स और फिल्म क्लिप शेयर कर रहे हैं।
खबरों के अनुसार, विवेक इस साल अपना जन्मदिन पारिवारिक माहौल में सादगी से मना रहे हैं, और सप्ताह के अंत में एक कैंसर पीड़ितों के लिए चैरिटी इवेंट में भी हिस्सा लेंगे — जो उनके दिल के बेहद करीब है।
विरासत और भविष्य की राह
कहा जा रहा है कि विवेक जल्द ही एक वेब सीरीज़ और एक राजनीतिक थ्रिलर फिल्म में नज़र आएंगे। उनका सफर — एक रोमांटिक हीरो से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता, बिजनेस लीडर और प्रेरणादायक व्यक्ति तक — निश्चित रूप से प्रेरणादायक है।
कंपनी से लेकर कम्युनिटी सर्विस तक, स्क्रीन से लेकर स्टार्टअप्स तक, विवेक ओबेरॉय की कहानी बताती है कि प्रतिभा, मेहनत और उद्देश्य जब साथ आते हैं, तो इंसान सिर्फ स्टार नहीं — परिवर्तन का वाहक बन जाता है।
विवेक ओबेरॉय को उनके 49वें जन्मदिन पर ढेरों शुभकामनाएं!
स्वस्थ रहें, खुश रहें, और हमें अपने अभिनय और कार्यों से यूँ ही प्रेरित करते रहें।
जन्मदिन मुबारक हो, विवेक ओबेरॉय!
Image Credit: Telangana Today
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