बॉलीवुड दर्शकों के लिए 2025 में एक खास तोहफा आने वाला है – आमिर ख़ान की नई फिल्म सितारे ज़मीन पर। यह फिल्म 2007 में आई तारे ज़मीन पर की याद दिलाती है, लेकिन एक नई सोच और ताज़ा दृष्टिकोण के साथ। हालांकि दोनों फिल्मों के नाम मिलते-जुलते हैं, सितारे ज़मीन पर एक बिल्कुल अलग कहानी लेकर आ रही है।
आमिर ख़ान, जो अपनी संवेदनशील और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, ने खुलासा किया है कि यह फिल्म भी दर्शकों के दिल को छूएगी, लेकिन एक अलग एंगल से। जहां तारे ज़मीन पर एक डिस्लेक्सिक बच्चे की कहानी थी, वहीं सितारे ज़मीन पर में मानसिक रूप से विशेष बच्चों की चुनौतियों और सपनों को दिखाया जाएगा — हास्य, भावना और उम्मीदों के साथ।
फिल्म का निर्देशन आर.एस. प्रसन्ना कर रहे हैं, जो संवेदनशील विषयों को सादगी से प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। सितारे ज़मीन पर सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक संदेश है – समावेश और संवेदना का।
Image Credit: You tube
हिंदी सिनेमा की चकाचौंध के पीछे, खासकर 1970 और 1980 के दशक में, एक खामोश क्रांति चल रही थी। मुख्यधारा की फिल्मों की चमक-दमक से दूर, यथार्थ और मानवीय अनुभवों पर आधारित एक नई पीढ़ी की फिल्में उभर रही थीं। इस आंदोलन से जुड़ी कई प्रतिभाओं के बीच, दीप्ति नवल और फारूक शेख की जोड़ी कुछ अलग ही थी।
फिल्म इंडस्ट्री में जहां उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं को किनारे कर दिया जाता है, जहां अक्सर रूप रंग को प्रतिभा से ऊपर रखा जाता है, वहां नीना गुप्ता ने मानो पूरी व्यवस्था को पलट कर रख दिया है। एक समय पर उन्हें स्टीरियोटाइप किरदारों में बांध दिया गया था, लेकिन आज वे मिड-लाइफ क्रांति का चेहरा बन चुकी हैं। उन्होंने सिर्फ फिल्मों में वापसी नहीं की — बल्कि खुद को नया रूप दिया और उम्रदराज महिलाओं की छवि को फिर से परिभाषित किया। उनकी कहानी सिर्फ फिल्मों की नहीं है; ये साहसिक फैसलों, आत्मबल और उस आंतरिक विश्वास की कहानी है, जो एक ऐसी महिला के अंदर था जिसने दुनिया से मुंह मोड़ने के बावजूद खुद पर विश्वास नहीं खोया।
भारतीय सिनेमा के समृद्ध कैनवस में यदि कोई नाम सबसे उज्जवल रूप में चमकता है, तो वह है यश चोपड़ा। "रोमांस के बादशाह" के रूप में मशहूर यश चोपड़ा ने अपनी कहानी कहने की अनोखी शैली, खूबसूरत दृश्यों, मधुर संगीत और भावनात्मक गहराई से बॉलीवुड को एक नया रूप दिया। उनके पांच दशकों से भी लंबे करियर ने हिंदी सिनेमा की दिशा ही बदल दी और दुनिया को प्रेम की एक नई सिनेमाई भाषा सिखाई।
आज, 26 सितंबर को हँसी की दुनिया की रानी, हमेशा मुस्कुराती और हँसी बाँटती अर्चना पूरण सिंह अपना 63वां जन्मदिन मना रही हैं। चार दशकों से अधिक लंबे अपने करियर में उन्होंने भारतीय टेलीविज़न और सिनेमा को अपनी ऊर्जा, हास्य और अनोखी आवाज़ से रोशन किया है। उनकी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और गर्मजोशी भरे स्वभाव ने उन्हें एक ऐसे सितारे के रूप में स्थापित किया है, जो शोबिज़ की चमक-दमक में भी अपनी सच्चाई और मौलिकता को नहीं भूलीं।
Don't miss out on the latest updates, audition calls, and exclusive tips to elevate your talent. Subscribe to our newsletter and stay inspired on your journey to success!