श्रीदेवी की जयंती पर याद: एक सदाबहार आइकन को श्रद्धांजलि
श्रीदेवी की जयंती पर याद: एक सदाबहार आइकन को श्रद्धांजलि

13 अगस्त, भारत की पहली फीमेल सुपरस्टार श्रीदेवी की जयंती है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा में स्टारडम, स्टाइल और स्क्रीन प्रेजेंस को एक नया रूप दिया। 1963 में जन्मी श्रीदेवी आज 62 वर्ष की होतीं। 2018 में हमारे बीच से जाने के बावजूद, उनकी विरासत आज भी करोड़ों दिलों में उजागर है। एक बाल कलाकार से लेकर बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा बनने तक का उनका सफर सिर्फ एक अभिनेत्री की कहानी नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा में क्रांति की दास्तान है।

सिनेमा की दुनिया में एक अनोखा अनुभव

श्रीदेवी ने महज 4 साल की उम्र में तमिल फिल्म कंदन करुणई से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी अभिनय किया, और फिर हिंदी सिनेमा की ओर रुख किया। उन्हें खास सिर्फ उनके रूप या अभिनय के कारण नहीं माना गयाबल्कि उनके भीतर हर किरदार में ढलने की अनोखी क्षमता थी, जिससे उनके पात्र हमेशा विशेष बन जाते थे।

1980 और 90 के दशक में जब पुरुष अभिनेता ही स्टारडम के केंद्र में रहते थे, श्रीदेवी ने समान स्तर की लोकप्रियता हासिल की। सदमा, चांदनी, मिस्टर इंडिया, नगीना, लम्हे, चालबाज़ और खुदा गवाह जैसी फिल्मों में उनका अभिनय हर रंग में निखर कर सामने आयागंभीर अभिनय से लेकर रोमांस और कॉमेडी तक। उन्होंने दिल टूटी प्रेमिका से लेकर एक नागिन तक के किरदार इतने विश्वसनीय तरीके से निभाए कि हर भूमिका जीवंत हो उठी।

हर मायने में एक ट्रेलब्लेज़र

उस दौर में जब महिला कलाकारों को हाशिए पर रखा जाता था, श्रीदेवी वो नायिका थीं जो अकेले अपने दम पर फिल्में चला सकती थीं। चालबाज़ में उनका हास्य अभिनय किसी भी पुरुष कॉमेडियन से कम नहीं था। उनके डांस नंबर, खासकर मैं तेरी दुश्मन और हवा हवाई जैसे गाने आज भी क्लासिक माने जाते हैं और आज तक कोई उनका मुकाबला नहीं कर पाया।

श्रीदेवी उन गिनी-चुनी अभिनेत्रियों में थीं जिन्होंने मां बनने के बाद भी करियर में सफल वापसी की। 2012 में, 15 साल के अंतराल के बाद उन्होंने इंग्लिश विंग्लिश से सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की। इसमें उन्होंने एक ऐसी गृहिणी का किरदार निभाया जो आत्मसम्मान पाने के लिए अंग्रेज़ी सीखती है। फिल्म को आलोचकों और दर्शकों ने खूब सराहायह साबित करता है कि उनकी जादूगरी कभी खत्म नहीं हुई।

उनकी निजी ज़िंदगी और विरासत

श्रीदेवी अपने निजी जीवन को लेकर बेहद निजी स्वभाव की थीं। उन्होंने 1996 में निर्माता बोनी कपूर से शादी की और उनकी दो बेटियाँ हैंजान्हवी और खुशी। उनकी मृत्यु के बाद दोनों बेटियाँ सुर्खियों में आईं और जान्हवी कपूर ने तो बॉलीवुड में एक पहचान भी बना ली है।

2018 में दुबई में दुर्घटनावश डूबने से हुई उनकी असमय मृत्यु ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। दुनियाभर से उनके प्रशंसकों, सहकर्मियों और चाहने वालों ने जो शोक व्यक्त किया, वह उनकी गहरी छाप का प्रमाण था। मरणोपरांत उन्हें मॉम के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला और 2013 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया।

श्रीदेवी का शाश्वत आकर्षण

श्रीदेवी का प्रभाव केवल फिल्मों तक सीमित नहीं रहा। वे एक फैशन आइकन, बेहतरीन डांसर और शालीनता की मिसाल थीं। निर्देशक उनकी मेहनत के कायल थे, सह-कलाकार उनके टैलेंट के, और दर्शक उनके करिश्मे के।

सोशल मीडिया पर आज भी प्रशंसक और सितारे उन्हें उनके जन्मदिन पर याद करते हैं। उनकी बेटियाँ अक्सर उनकी दुर्लभ तस्वीरें साझा करती हैं, जो यह जताती हैं कि उनकी उपस्थिति अब भी हमारे जीवन का हिस्सा है। इस वर्ष खुशी कपूर ने उनकी एक दुर्लभ तस्वीर साझा की, जो उनके अंदर-बाहर की गर्मजोशी की झलक देती है।

क्यों अब भी उनकी कमी महसूस होती है

श्रीदेवी सिर्फ एक स्टार नहीं थींवो एक भावना थीं। उनकी फिल्में जैसे किसी पुराने दोस्त से मुलाकात की तरह हैं; उनका चेहरा, उनकी आवाज़, और उनकी ऑनस्क्रीन मौजूदगी पुरानी यादें ताज़ा कर देती हैं। उनके जाने से जो खालीपन आया, उसे आज भी सिनेमा जगत पूरी तरह भर नहीं पाया है।

 

उनकी 62वीं जयंती पर हम श्रीदेवी को केवल उनके अभिनय कौशल के लिए याद करते हैं, बल्कि उस जादू, प्रेरणा और ख़ुशी के लिए भी, जो उन्होंने हमारी ज़िंदगियों में भरी। उनका सफर आज की कई नई अभिनेत्रियों के लिए प्रेरणा है, खासकर उनके लिए जो एक पुरुष-प्रधान पेशे में अपने लिए जगह बनाना चाहती हैं।

श्रीदेवी केवल फिल्मों के रील्स में नहीं, बल्कि पीढ़ियों के दिलों में जीवित हैं। वह भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत सदियों तक अमर रहेगी।

 

Author
Lights Camera Audition
Lights Camera Audition
Share on
Explore other related articles
दीप्ति नवल और फारूक शेख: बॉलीवुड की एक सदाबहार जोड़ी
दीप्ति नवल और फारूक शेख: बॉलीवुड की एक सदाबहार जोड़ी

हिंदी सिनेमा की चकाचौंध के पीछे, खासकर 1970 और 1980 के दशक में, एक खामोश क्रांति चल रही थी। मुख्यधारा की फिल्मों की चमक-दमक से दूर, यथार्थ और मानवीय अनुभवों पर आधारित एक नई पीढ़ी की फिल्में उभर रही थीं। इस आंदोलन से जुड़ी कई प्रतिभाओं के बीच, दीप्ति नवल और फारूक शेख की जोड़ी कुछ अलग ही थी।

By, Lights Camera Audition
नीना गुप्ता: शालीनता और संघर्ष से दोबारा परिभाषित होती हुई स्टारडम
नीना गुप्ता: शालीनता और संघर्ष से दोबारा परिभाषित होती हुई स्टारडम

फिल्म इंडस्ट्री में जहां उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं को किनारे कर दिया जाता है, जहां अक्सर रूप रंग को प्रतिभा से ऊपर रखा जाता है, वहां नीना गुप्ता ने मानो पूरी व्यवस्था को पलट कर रख दिया है। एक समय पर उन्हें स्टीरियोटाइप किरदारों में बांध दिया गया था, लेकिन आज वे मिड-लाइफ क्रांति का चेहरा बन चुकी हैं। उन्होंने सिर्फ फिल्मों में वापसी नहीं की — बल्कि खुद को नया रूप दिया और उम्रदराज महिलाओं की छवि को फिर से परिभाषित किया। उनकी कहानी सिर्फ फिल्मों की नहीं है; ये साहसिक फैसलों, आत्मबल और उस आंतरिक विश्वास की कहानी है, जो एक ऐसी महिला के अंदर था जिसने दुनिया से मुंह मोड़ने के बावजूद खुद पर विश्वास नहीं खोया।

By, Lights Camera Audition
यश चोपड़ा: वह महान हस्ती जिन्होंने भारतीय सिनेमा में रोमांस को परिभाषित किया
यश चोपड़ा: वह महान हस्ती जिन्होंने भारतीय सिनेमा में रोमांस को परिभाषित किया

भारतीय सिनेमा के समृद्ध कैनवस में यदि कोई नाम सबसे उज्जवल रूप में चमकता है, तो वह है यश चोपड़ा। "रोमांस के बादशाह" के रूप में मशहूर यश चोपड़ा ने अपनी कहानी कहने की अनोखी शैली, खूबसूरत दृश्यों, मधुर संगीत और भावनात्मक गहराई से बॉलीवुड को एक नया रूप दिया। उनके पांच दशकों से भी लंबे करियर ने हिंदी सिनेमा की दिशा ही बदल दी और दुनिया को प्रेम की एक नई सिनेमाई भाषा सिखाई।

By, Lights Camera Audition
अर्चना पूरण सिंह का जश्न: हँसी की रानी आज मना रही हैं अपना 63वां जन्मदिन
अर्चना पूरण सिंह का जश्न: हँसी की रानी आज मना रही हैं अपना 63वां जन्मदिन

आज, 26 सितंबर को हँसी की दुनिया की रानी, हमेशा मुस्कुराती और हँसी बाँटती अर्चना पूरण सिंह अपना 63वां जन्मदिन मना रही हैं। चार दशकों से अधिक लंबे अपने करियर में उन्होंने भारतीय टेलीविज़न और सिनेमा को अपनी ऊर्जा, हास्य और अनोखी आवाज़ से रोशन किया है। उनकी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और गर्मजोशी भरे स्वभाव ने उन्हें एक ऐसे सितारे के रूप में स्थापित किया है, जो शोबिज़ की चमक-दमक में भी अपनी सच्चाई और मौलिकता को नहीं भूलीं।

By, Lights Camera Audition
Stay in the Loop with
Lights Camera Audition!

Don't miss out on the latest updates, audition calls, and exclusive tips to elevate your talent. Subscribe to our newsletter and stay inspired on your journey to success!

By subscribing, you agree to receive promotional information from Lights Camera Audition. You can unsubscribe at any time.