जहां ग्लैमर और चकाचौंध से भरी फिल्म इंडस्ट्री में ट्रेंड्स लगातार बदलते रहते हैं, वहीं कुछ ही कलाकार ऐसे होते हैं जो समय के साथ एक मजबूत और विविधतापूर्ण विरासत बना पाते हैं। अक्षय कुमार उन्हीं चुनिंदा सितारों में से एक हैं। 9 सितंबर 1967 को अमृतसर, पंजाब में राजीव हरिओम भाटिया के रूप में जन्मे अक्षय कुमार आज न सिर्फ अपने अभिनय कौशल के लिए जाने जाते हैं, बल्कि अपनी मेहनत, अनुशासन और साहसिक फैसलों के लिए भी सराहे जाते हैं। साल 2025 में 58 वर्ष के हो चुके अक्षय अब अपनी 200वीं फिल्म रिलीज़ करने की तैयारी में हैं—जो भारतीय सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
मार्शल आर्ट्स टीचर से लेकर सुपरस्टार बनने तक
बॉलीवुड की चकाचौंध से पहले अक्षय की जिंदगी बेहद सामान्य थी। दिल्ली और मुंबई में स्कूली पढ़ाई करने के बाद उन्होंने बैंकॉक का रुख किया, जहां उन्होंने मार्शल आर्ट्स सीखा। अपनी पढ़ाई के दौरान वे शेफ और वेटर की नौकरी करते थे। वहीं उन्होंने ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हासिल की—जो बाद में उनकी एक्शन इमेज का अहम हिस्सा बना।
भारत लौटने के बाद मॉडलिंग और बैकग्राउंड डांसिंग से शुरुआत करने वाले अक्षय को 'सौगंध' (1991) में पहला लीड रोल मिला। हालांकि फिल्म खास नहीं चली, लेकिन उनके अभिनय को नोटिस किया गया। फिर 1992 में 'खिलाड़ी' आई—और यहीं से उन्हें 'खिलाड़ी' के नाम से पहचान मिलने लगी।
खिलाड़ी युग और सुपरस्टारडम की शुरुआत
1990 के दशक में अक्षय कुमार ने खुद को एक्शन हीरो के रूप में स्थापित कर लिया। 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी', 'मोहरा', 'सबसे बड़ा खिलाड़ी', 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' जैसी फिल्मों ने उन्हें उस दौर का नया एक्शन स्टार बना दिया। असली मार्शल आर्टिस्ट होने के नाते वे अधिकतर स्टंट खुद ही करते थे—जिसके चलते उन्हें सराहना तो मिली ही, कई बार चोटें भी आईं।
लेकिन अक्षय सिर्फ एक्शन तक सीमित नहीं रहना चाहते थे। 2000 के दशक की शुरुआत में उन्होंने 'धड़कन' जैसी रोमांटिक फिल्मों, 'हेरा फेरी', 'मुझसे शादी करोगी' जैसी कॉमेडी और 'अजनबी' जैसी निगेटिव रोल्स को अपनाया। इस दौर में वे एक पूर्ण कमर्शियल स्टार बन गए।
कॉमेडी, ड्रामा और आलोचकों की सराहना
'हेरा फेरी' फ्रैंचाइज़ी आज भी एक कल्ट क्लासिक मानी जाती है, और अक्षय का "राजू" किरदार उनके सबसे यादगार रोल्स में गिना जाता है। उनकी परफेक्ट कॉमिक टाइमिंग ने 'गरम मसाला', 'फिर हेरा फेरी', 'भूल भुलैया', 'वेलकम' जैसी हिट फिल्मों का रास्ता खोल दिया।
साथ ही, 'स्पेशल 26', 'एirlift', 'बेबी' जैसी फिल्मों ने साबित किया कि वे गंभीर किरदारों को भी बखूबी निभा सकते हैं। इनमें से कई फिल्में सच्ची घटनाओं पर आधारित थीं, जिससे उन्होंने एक नई पहचान बनाई—सोशल और देशभक्ति थीम वाले मनोरंजक सिनेमा के अग्रदूत के रूप में।
राष्ट्रवादी छवि और समाज पर आधारित सिनेमा
2010 के दशक में अक्षय कुमार की फिल्मों में सोशल मैसेज और राष्ट्रप्रेम की झलक और गहराई से दिखने लगी। चाहे 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा' में स्वच्छता की बात हो, 'पैडमैन' में माहवारी स्वच्छता का मुद्दा, या फिर 'मिशन मंगल' में विज्ञान और देशभक्ति का मेल—उनकी फिल्मों ने समाज में चर्चाएं छेड़ीं।
हालांकि कुछ आलोचकों ने उनके राष्ट्रवादी दृष्टिकोण पर सवाल उठाए, लेकिन दर्शकों ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया और इन फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता मिली।
अनुशासन और कड़ी मेहनत का प्रतीक
अक्षय कुमार की सबसे बड़ी खासियत है उनका अनुशासन। वे सुबह जल्दी उठने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और पार्टी संस्कृति से दूर रहने के लिए जाने जाते हैं। जहां अधिकांश कलाकार साल में 1-2 फिल्में करते हैं, वहीं अक्षय हर साल 3-4 फिल्में रिलीज़ करते हैं—जो उनके समर्पण और टाइम मैनेजमेंट को दर्शाता है।
58 की उम्र में भी उनमें कोई थकावट नहीं दिखती। उल्टा, अब वे अपनी 200वीं फिल्म के साथ एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं।
कैमरे से बाहर: परोपकार और व्यापार
अक्षय कुमार सिर्फ एक अभिनेता नहीं हैं, बल्कि वे निर्माता, व्यवसायी और समाजसेवी भी हैं। उन्होंने भारतीय सैनिकों, आपदा राहत कार्यों और COVID-19 जैसी आपात स्थितियों में खुले दिल से दान किया है। दिलचस्प बात यह है कि वे अपने दान और सामाजिक कार्यों का ज्यादा प्रचार नहीं करते।
उनकी अपनी प्रोडक्शन कंपनी 'हरिओम एंटरटेनमेंट' है, जिसने कई हिट फिल्में बनाई हैं। इसके अलावा वे फिटनेस से जुड़े कई बिज़नेस और ब्रांड एंडोर्समेंट में भी सक्रिय हैं, और फोर्ब्स ने कई बार उन्हें सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले अभिनेताओं की लिस्ट में शामिल किया है।
विरासत और आगे की राह
जैसे ही अक्षय कुमार अपने जीवन और करियर के इस नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं, वे एक ऐसी विरासत के साथ आगे बढ़ रहे हैं जो नायाब है। एक मार्शल आर्ट्स इंस्ट्रक्टर से लेकर बॉलीवुड के सबसे विश्वसनीय सितारों में से एक बनने तक का उनका सफर दृढ़ निश्चय, मेहनत और दूरदर्शिता का प्रतीक है।
चाहे वे हंसी दिलाएं, आंसू लाएं या सोचने पर मजबूर करें, अक्षय कुमार आज भी भारतीय सिनेमा के सबसे बहुप्रभावी और बहुपरकारी कलाकारों में से एक हैं। और अगर उनकी 200वीं फिल्म से कुछ अंदाज़ा लगाया जाए, तो 'खिलाड़ी' की असली पारी तो अब शुरू हो रही है।
जन्मदिन मुबारक हो, अक्षय कुमार!
और भी एक्शन सीन, और भी हंसी के पल, और भी यादगार फिल्मों की शुभकामनाएं।
Image Credit: Pinterest
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